Thursday, September 15, 2011

तेनजिन सुंडू
युवा अंग्रेजी कवी -  तिबती शरणार्थी परिवार मैं जनम . 
लेखक एवं एक्टिविस्ट - Crossing the border अंग्रेजी काव्य संग्रह प्रकाशित.
Kora -  कहानियां एवं कविता -  नॉन फिक्शन के लिए Outlook picador award  2001  में. 

शरणार्थी

मूल अंग्रेजी : तेनजिन सुंडू
अनुवाद : डॉ संतोष अलेक्स

जब मैं पैदा हुआ
माँ ने कहा
तुम शरणार्थी हों
सड़क के किनारे का हमारा तम्बू
हिम से ढका था

मेरे अध्यापक ने कहा
तुम्हारे माथे पर
भौहों के बीच मैं
R अंकित हैं

मैंने अपने माथे को खरोंचा
और लाल दर्द के टुकड़ों को पाया

मेरी तीन भाषा है
जो गाती है
वह मेरी माथ्रुभाषा है

माथे का  र
मेरी अंग्रेजी और हिंदी के बीच
तिबती भाषा बोलती हैं
1 रंग्ज़ेन्न
रंग्ज़ेन्न

1. आजादी

तिबत का

उनचालीस साल से निर्वासन में हूँ
फिर भी कोई राष्ट्र हमारी सहायता नहीं करता
एक भी ख़ूनी राष्ट्र

हम यहाँ शरणार्थी हैं
खोये राष्ट्र के लोग
अजेंमे राष्ट्र के नागरिक

तिबत का
दुनिया का हमदर्दी हैं हम पर
शांत साधू और परम्परावादी
एक लाख से ऊपर की आबादी  वाले
घुले मिले हैं
कई सम्मिलित सांस्कृतिक प्रभुत्वों में

हर चेक पोस्ट और कार्यालय में
कहता , मैं भारतीय तिबती हूँ 
मेरा पंजीयन प्रमाणपत्र
हर साल नवीकृत करता हूँ , सलाम करते हुए
भारत में जन्मा एक विदेशी

मैं ज्यादा भारतीय हूँ
सिवाय मेरे तिबती चेहरे के
नेपाली थाईलैंड जापान
चीनी नागा मणिपुरी
लेकिन कभी किसी ने नहीं पूछा
तिबती ?

मैं तिबती हूँ
लेकिन मैं तिबत से नहीं हूँ
फिर भी वहीँ मरने की इच्छा हैं

3 comments:

  1. माथे का र
    मेरी अंग्रेजी और हिंदी के बीच
    तिबती भाषा बोलती हैं
    रंग्ज़ेन्न.............. sahi kaha hai .. umda anuvaad . badhai sweekarein .......

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  2. मैं ज्यादा भारतीय हूँ
    सिवाय मेरे तिबती चेहरे के
    नेपाली थाईलैंड जापान
    चीनी नागा मणिपुरी
    लेकिन कभी किसी ने नहीं पूछा
    तिबती ?

    मैं तिबती हूँ
    लेकिन मैं तिबत से नहीं हूँ
    फिर भी वहीँ मरने की इच्छा हैं ..........kya kaha jaye yahi sach hai ....... tibbati hone ka ....thanks for this post Dr. Alex.

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  3. "मैं तिबती हूँ
    लेकिन मैं तिबत से नहीं हूँ
    फिर भी वहीँ मरने की इच्छा हैं"
    बहुत अच्छा! बधाई हो संतोष जी!

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