Friday, January 28, 2011

चिन्ह


मलयालम कविता - अनीता तम्भी
अनुवाद - संतोष अलेक्स
 



चिन्ह
 
 
हंसिया
आकाश के दूज के चाँद से
जुड़  गया
तारा
बच्चों  की आँखों की ओर लौटा
केवल हथौड़ा
उसके अकाल्पनिक उद्भव से आहत होकर
कील पर मारने लगा
जो की  इतिहास को तस्वीर बन
अभी भी लटकने वाले हैं