Sunday, September 18, 2011

Original Malayalam : Bindu Krishnanan
Translation : Dr. Santosh Alex

While I write

Is is possible to
send the delivered baby
back to the womb.

Is it possible to
take back the uttered word
and use it in a effective way.

Is it possible to
take back the poems written
take each word
and fly them.

If you are born
then you need to grow
If you have said
then you need to listen
If you have written
then you need to burn
burn , burn and finish.

Thursday, September 15, 2011

तेनजिन सुंडू
युवा अंग्रेजी कवी -  तिबती शरणार्थी परिवार मैं जनम . 
लेखक एवं एक्टिविस्ट - Crossing the border अंग्रेजी काव्य संग्रह प्रकाशित.
Kora -  कहानियां एवं कविता -  नॉन फिक्शन के लिए Outlook picador award  2001  में. 

शरणार्थी

मूल अंग्रेजी : तेनजिन सुंडू
अनुवाद : डॉ संतोष अलेक्स

जब मैं पैदा हुआ
माँ ने कहा
तुम शरणार्थी हों
सड़क के किनारे का हमारा तम्बू
हिम से ढका था

मेरे अध्यापक ने कहा
तुम्हारे माथे पर
भौहों के बीच मैं
R अंकित हैं

मैंने अपने माथे को खरोंचा
और लाल दर्द के टुकड़ों को पाया

मेरी तीन भाषा है
जो गाती है
वह मेरी माथ्रुभाषा है

माथे का  र
मेरी अंग्रेजी और हिंदी के बीच
तिबती भाषा बोलती हैं
1 रंग्ज़ेन्न
रंग्ज़ेन्न

1. आजादी

तिबत का

उनचालीस साल से निर्वासन में हूँ
फिर भी कोई राष्ट्र हमारी सहायता नहीं करता
एक भी ख़ूनी राष्ट्र

हम यहाँ शरणार्थी हैं
खोये राष्ट्र के लोग
अजेंमे राष्ट्र के नागरिक

तिबत का
दुनिया का हमदर्दी हैं हम पर
शांत साधू और परम्परावादी
एक लाख से ऊपर की आबादी  वाले
घुले मिले हैं
कई सम्मिलित सांस्कृतिक प्रभुत्वों में

हर चेक पोस्ट और कार्यालय में
कहता , मैं भारतीय तिबती हूँ 
मेरा पंजीयन प्रमाणपत्र
हर साल नवीकृत करता हूँ , सलाम करते हुए
भारत में जन्मा एक विदेशी

मैं ज्यादा भारतीय हूँ
सिवाय मेरे तिबती चेहरे के
नेपाली थाईलैंड जापान
चीनी नागा मणिपुरी
लेकिन कभी किसी ने नहीं पूछा
तिबती ?

मैं तिबती हूँ
लेकिन मैं तिबत से नहीं हूँ
फिर भी वहीँ मरने की इच्छा हैं

Monday, August 22, 2011

तीन वंश

तबीश  खैर

चर्चित अंग्रेजी कवी. 7 प्रकाशित  पुस्तकें - The Bus Stopped ( novel),  The things about thugs 
(उपन्यास ) - हिन्दू बेस्ट फिक्शन पुरस्कार और मन एशिया लिटररी प्रैयेज के लिए नामांकित किया गया.
 Man of glass, Where parallel lines meet  (कविता संग्रह) , Babu Fictions ( आलोचना  ) , Other Routes ( यात्रा विवरण ) and Muslim Modernity (  निबंध)अर्हास विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं


तीन वंश  

मैं  इकट्ठे करनेवालों के वंश से तालूकात  रखता हूँ
और तुम्हारे गंवाए संकेतों से व्याकुल हूँ
मेरे मन के पीछे भरा हुआ है
कई पीढ़ियों का टूटा फर्नीचेर  
बोतल ,रेडियो, दूर के जर्जर रिश्तेदार
संत फूफी , रजत मीन द्वारा कुतरे गए किताबों के कोने
कुछ भी फेंका नहीं गया हैं
कुछ भी नष्ट नहीं किया गया हैं
किसे भी भूला नहीं गया
इन सबका सबूत हूँ मैं ,
और कुछ अन्य बिखरा गया , फेंका गया हैं
हम रुके समय और जगह को इकटठा करते हैं

यह खर्चीले संकेतों का युग हैं,
सांप के चमड़ों के बिक्री सा खर्चीला
सब कुछ नया हैं
चीजों को अब मरम्मत नहीं किया जाता
लोग फ़ेंक दिए जाते हैं
लेकिन हम पुराने और टूटी हुयी चीजों के रखवाले हैं
यह जरूरत के परे आदत के कारण की जाती हैं
जिनकी जरूरतें ज्यादा हैं , इनकी संख्या अधिक हैं
इनके पास फेंकने के लिए कुछ नहीं हैं , ही मरम्मत करने के लिए
हम उनसे इकटठा करने या  फेंकने को लिया हैं
वे शिकारी हैं जिन्होनें अपने औजारों  को  अभी तराशा  नहीं हैं
इतिहास हार गया हैं
हम शिलायुग की ओर अग्रसर हैं   




क़ुतुब मीनार

अनुभूति
कभी
पर्याप्त
नहीं होता
भाषण
उस पर दावा
करता हैं
कागज
उसे
परिभाषित
करता हैं
पत्थर
तो
इश्वर का
वाक्य बन जाता हैं

Sunday, July 31, 2011

तितली


अरुण कोलाटकर
चर्चित अंग्रेजी कवी . जेजुरी - पहली अंग्रेजी कविता संग्रह को 1977 में
 Commen wealth writes prize मिला . भिजकी वाही - मराठी कविता संग्रह को 2005 में
साहित्य अकादेमी पुरस्कार मिला

तितली

उसके पीछे कोई कहानी नहीं है
वह क्षण सा बँटी हैं
अपने चारों ओर घुमती हैं

इसका कोई भविष्य नहीं हैं
यह किसी भूत में  बंधा नहीं हैं
यह वर्त्तमान पर यमक हैं

यह छोटी सी पीली तितली हैं
जिसने  दुखी पहाड़ों को
अपने परों मैं उठाई हैं

चुटकी भर पीली  यह
खुलने से पहले बंद होती हैं
बंद होने से पहले खुलती हैं

कहाँ हैं वो ?

Wednesday, July 20, 2011

Saturn


Malayalam Original : Balachandran Chullikadu
Translation : Santosh alex

Renowned Malayalam poet and film actor. His collection of poems published are "Pathinettu kavithakal", "Amaavaasi", "Ghazal", "Maanasaantharam", "Dracula" etc. A collection of his complete poems, Balachandran Chullikkadinte Kavithakal (The Poems of Balachandran Chullikkad) (2000) was published by DC Books, Kottayam, They have also published the book of his memoirs, Chidambarasmarana (2001). He married the Malayalam poetess Vijayalaksmi. He has participated in many national literary seminars organised by Central Academy of Letters, India.

Saturn


At dawn
Somebody called me
and I opened the door
It was the palmist
There was a blind parrot in
Her cage.

She said I will tell your future
I said , No
She said , I will tell you the past
I said, don’t make me recollect those
She said, You  are having a bad time
I said , I will take it

Hey blind parrot
Hey blind parrot
What do you see ?
The parrot from the seven seas said
You will face problems
regarding earth, water, time ,
money , heart and family


I smiled and said
Keep the trick to yourself
I too know little bit of black magic

The palmist
and the parrot left cursing me.

Before it was noon
I became blind





Monday, May 30, 2011

कठोरपन में तब्दील ताश के पत्ते

सोनेट मंडल
युवा अंग्रेजी कवी. ५ कविता संग्रह प्रकाशित. कविता का प्रकाशन राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओम में . एन्चंतिंग वेर्से पत्रिका का संपादन.कविता का अनुवाद तेलुगु एवं हिंदी भाषा में हुआ है .कई पुरस्कारों से सम्मानित



मूल अंग्रेजी : सोंनेट मंडल
अनुवाद : संतोष अलेक्स 

कठोरपन में तब्दील ताश के पत्ते

दादी माँ के
ख़राब तबीयत की खबर
मेरे ढाल को
भेदने में काफी नहीं था

आंसू
इकट्ठे हुए रिश्तेदार
केवल उत्सव था

चिंता तो
शरीर को सही सलामत
काम करने को लेकर था

भागीदारी माने
भरी सभा में काव्य पाठ करना था

दैनिक काम में
मानव मूल्यों की खुदाई से
मैं अपने ढाल के भार की
चिंता नहीं करता

वह मेरा हाथ थामती है
और
मैं टूट जाता हूँ
मैं अँधा हो गया हूँ ....
उनकी आँखों से
मैंने ममेरे घर को समझा

मेरी प्रेरणा , मेरा प्यारा
दूर गिरजाघर में ,
अब पहले जैसा नहीं होगा
चूँकि वह अब लेटी हैं
मेरा कठोरपन टूटा
मेरा शांत घर
ताश के टुकड़ों सा गिर पड़ा



Wednesday, April 20, 2011

के .  सत्चिदानंदन 
( प्रमुख भारतीय कवियों में एक . राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय  स्तर  पर कवी एवं प्रज्ञा के रूप में  पहचान  )

बच्चे


हमारे कितने बच्चे थे
पैदा हुए दो
पैदा होने से पहले मर गया एक
हजारों को रोक दिया पैदा  होने से पहले

जो पैदा हुए हैं  सिर्फ वे ही 
हमसे दूर चले गए हैं
जो पैदा नहीं हुए वे हमारे  साथ हैं
वे तालियां बजाकर हंस रहे हैं , गा रहे हैं
पत्ते व मिटटी में खेल रहे हैं

हमारे न रहने पर भी
वे यहाँ होंगे
मिटटी  के महलों के सामने
बीते ज़माने की सीटी बजाते हुए
बरामदे के बाहर  के पानी में
केवल चींटी और आत्मा द्वारा चढ़ पानेवाली
कागज का  नाव  छोड़कर
बारिश में भीगे हमारे
बचपन के संग
वे यहाँ होंगे 

Wednesday, March 16, 2011

श्रीकुमार वर्मा
( अंग्रेजी कवि , नाटककार एवं उपन्यासकार . पांच किताबें प्रकाशित जिसमे उपन्यास और नाटक शामिल हैं. कविता और कहानियां देश विदेश में प्रकाशित .)

अनामिका

हम क्या नहीं करते 
गाँठ खोलने के लिए 
और फिर उसे  बाँधने

जागते , हम अपनी आँखों को 
खोलते हैं रात से
चुके  गाँठ और फ़ोन कॉल से अनजान

ऐन्द्रिय सुख से परे

एक बार धरती को चोट लगी
मेरा जन्म हुआ
एक उदात आकाश
कलात्मक रंगों में बिछा
मैं पथ प्रदर्शक था ,
सही धुन बजाकर
कारणों के क्रिया कलापों में तल्लीन

अपनी मौजी यात्रा के बाद जब मेरी मृत्यु हुयी
आकाश बर्फीला हो गया
कीप आकार के फूलों  के  रिबनों
में विवर्ण

 अब ऐन्द्रिय सुख से परे
मेरी स्मृतियों में
चोट लगी धरती अब भी
मौसमों में खिलती हैं

Wednesday, March 2, 2011


Malayalam original : Pavithran Theekooni
Translation : Dr. Santosh Alex


On a single message

Life is out of the
coverage area now.

All the plans
have been switched off

The number which you talk to
God at day 
can be used to talk to satan at night.

All the numbers
that have been fed
can be heard without noise
like that of a graveyard.


When I am
in the bar
she calls me

No body has ever known me
like her

In a single message
I am trying to
………..a life



The language of the face

A woman is
strolling on the platform.
She is talking on the mobile
and is gigling.

It is very clear
from her face that
with great love
and humbleness
she is cheating her man…