Sunday, July 31, 2011

तितली


अरुण कोलाटकर
चर्चित अंग्रेजी कवी . जेजुरी - पहली अंग्रेजी कविता संग्रह को 1977 में
 Commen wealth writes prize मिला . भिजकी वाही - मराठी कविता संग्रह को 2005 में
साहित्य अकादेमी पुरस्कार मिला

तितली

उसके पीछे कोई कहानी नहीं है
वह क्षण सा बँटी हैं
अपने चारों ओर घुमती हैं

इसका कोई भविष्य नहीं हैं
यह किसी भूत में  बंधा नहीं हैं
यह वर्त्तमान पर यमक हैं

यह छोटी सी पीली तितली हैं
जिसने  दुखी पहाड़ों को
अपने परों मैं उठाई हैं

चुटकी भर पीली  यह
खुलने से पहले बंद होती हैं
बंद होने से पहले खुलती हैं

कहाँ हैं वो ?