Friday, February 24, 2012

यूनानी कवी यानिस रित्सोस की कविता

यूनानी कवी  यानिस  रित्सोस की कविता


लाल रंग के कपडे की
गठरी को सड़क
पर खोला गया
राही उस पर
कदम रखे बिना
छोर से चले
सड़क वीरान थी
दूसरे दिन लारियां
उसके ऊपर से गुजरी
वहां कपड़ा नहीं था
सड़क लाल हो चुकी थी


मैंने उसे अच्छी तरह छुपाया
पहाड़ और लकडहारा
मात्र गवाह

३.
उसने उसका सुन्दर मुखौटा
उतारकर बिस्तर पर रख दी
उसका अबोधगम्य चेहरा
खून से लथपथ लगा
फिर पासा फेंका गया

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